हमें ठान लेना है, कि हर दिन, हम बिना कारण के, कुछ पल जरूर, हँसेंगे । हमें ठान लेना है, कि हर दिन, हम बिना कारण के, कुछ पल जरूर, हँसेंगे ।
लफ़्ज़ों के समंदर से निकला तो, बदला हुआ इंसान देखता हूँ । लफ़्ज़ों के समंदर से निकला तो, बदला हुआ इंसान देखता हूँ ।
मन में हो तरंग, तब दिवाली होती है। मन में हो तरंग, तब दिवाली होती है।
ऐ ज़िन्दगी अभी तेरा, हिसाब बाक़ी है ! ऐ ज़िन्दगी अभी तेरा, हिसाब बाक़ी है !
कुछ रिश्तों की समझ, टूटने के बाद ही आती है... कुछ रिश्तों की समझ, टूटने के बाद ही आती है...
नव पल्लव शोभा, निरखत है... नव पल्लव शोभा, निरखत है...